आखिर हिन्दू धर्म में फ़क़ीर साईं की पूजा बढ़ाने का दोषी कौन ? स्वयं हिन्दू या हिन्दू धर्म के मठाधीश ?

आखिर हिन्दू धर्म में फ़कीर साईं की पूजा बढ़ने का दोषी कौन ?
स्वयं हिन्दू या हिन्दू धर्म के मठाधीश
बड़ाM विचित्र प्रश्न है कि आखिर हिन्दुओ का झुकाव एक फ़क़ीर की तरफ क्यों हुआ ? क्या हमारा धर्म और ज्ञान इतना कमजोर था कि हम भावना में बह गए या हमारे मठाधीसों ने अपने कर्म का पालन ठीक से नहीं किया था .या वो अपने कर्म से विमुक्त हो गए थे . क्या वो सोते रहे .या उनमे साहस नहीं था कि हिन्दू लोगो में जागरण पैदा किया जाए . यह सनातन का दुर्भाग्य ही था कि मुल्ला साईं जैसे नाम का जिन्ह बड़ा होता गया और हिन्दू धर्म को निगलता गया . अब उस साईं नाम के जिन्ह का आकार महाभारत के योद्धा घतोत्कक्ष के सामान बड़ा हो गया है उसको गिराने के लिए एक अवतार की जरुरत होगी ऐसे साईं रूपी जिन्ह को मारने के लिए दिव्यास्त्र और ब्रह्मास्त्र चाहिए . अब मुझे लगता है साईं के ऊपर प्रेस के माध्यम से गालियां देने से या फेस बुक के माध्यम से गालियां देने से कोई लाभ न होगा .अब वाक् युद्ध से काम नहीं चलेगा जितना वाक् युद्ध होगा उतना साईं नाम का जिन्न और ताकतवर होगा अब समय आ गया कि इस साईं नाम के जिन्न को दिव्यास्त्र और ब्रह्मास्त्र से मारा जाए . अब जिन ऋषि महर्षि सन्यासी योगिओं और संतो के पास ब्रह्मास्त्र और दिव्यास्त्र है तो वो उनका प्रयोग करे ।

पं. यतेन्द्र शर्मा ( सनातन धर्म चिंतक एवं ज्योतिषविद् )
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