जब माँ बच्चे को दूध पिलाती है तो मन के द्वारा माँ का प्रेम जाग्रत होता है । वह माँ का प्रेम दूध मे समान प्राण के द्वारा मिश्रित होकर स्तन मे आ जाता है । उदान नाम का प्राण माँ के स्तन मे दूध का निर्माण करता है । यह प्राण माँ के चित मे रहता है । अगर माँ उस समय उच्च विचार सोचती है तथा महान विचार सोचती है तो दुध के माध्यम से वो विचार बच्चे के शरीर मे आ जाते है । वो विचार शरीर से मन मे जाते है मन से बुद्धि मे जाते है और बुद्धि से चित मे जाते है और चित से आत्मा और 5 प्राणो मे संचित हो जाते है । जिससे बच्चे का आत्म बल , मनोबल और बुद्धिबल बढ़ जाता है । इसी प्रकार जब बच्चे को बोतल से दूध पिलाया जाता है तो उस दूध मे माँ … [ Read More ]
Category: Pt. Yatender Sharma
क्या महान आत्मा गर्भ मे प्रवेश के लिए गोचर मे अच्छे ग्रह नक्षत्र का इंतजार करती है ?
वेद ज्ञान कहता है कि आत्मा तीन प्रकार की होती है । 1- सतोगुणी आत्मा – सतोगुणी आत्मा गोचर मे अवश्य ही अच्छे ग्रहों का इंतजार करती है । जब ब्रह्मांड मे या गोचर मे ग्रह अपनी राशि या उच्च राशि या मूलत्रकोण राशि मे आ जाते है तो महान आत्मा तुरंत गर्भ मे समयनुसार प्रवेश कर जाती है । सतोगुणी आत्मा वाले मनुष्य के कार्य प्रकृति और समाज के कल्याण के लिए होते है तथा उनका उद्देश सिर्फ भले कार्यों ले लिए होता है । ऐसे मनुष्य के शरीर के द्वारा उत्तम कार्य किए जाते है । 2- रजोगुणी आत्मा – यह आत्मा गरभावस्था मे शरीर मे तब प्रवेश करती है जब गोचर मे ग्रह रजो तत्व प्रधान होते है । ये आत्मा अपने पूर्व जन्म के कर्मो के अनुसार कार्य करती है । ऐसे मनुष्य अपने शरीर से मिले जुले कार्य करते है । 3- तमोगुणी आत्मा – … [ Read More ]
अन्न से मन , जल से प्राण और घी से तेज़ बनता है नशे से बनता है शरीर मे जहर । इन चारो का तीन जगह विभाजन होता है ।
जैसा अन्न हम खाते है वैसा ही अन्न तीन भागो मे बट जाता है । अन्न का एक भाग स्थूल मे मल बन जाता है मध्यम भाग मे मांस मे बृद्धि करता है और तीसरा सूक्ष्म भाग मे मन का निर्माण करता है । आप जैसा अन्न खाओगे उसका तीसरे भाग का प्रभाव मन को वैसा ही बनाता है । जल पीने से स्थूल भाग मे मूत्र बन जाता है , मध्यम भाग मे खून का निर्माण होता है तथा सूक्ष्म भाग मे प्राण का निर्माण होता है । प्राण अपनी गति करता है । घी खाने से स्थूल भाग मे हड्डी का निर्माण होता है मध्यम भाग मे मज्जा का निर्माण होता है और सूक्ष्म भाग मे वाणी का निर्माण होता है । इसी प्रकार नशा करने से स्थूल भाग मे मूत्र विकार का निर्माण करता है मध्यम भाग मे शरीर के सभी अंगो मे विष का निर्माण करता … [ Read More ]
मनुष्य की मृत्यु के बाद वो आत्मा क्यो सपनों मे आती है ? और भविष्य मे होने वाली बुरी घटनाओ की जानकारी क्यो देती है ? क्या है इसका वायो वैज्ञानिक रहश्य ?
हमारे ऋषियों के अनुसार 7 लोक , 7 ग्रह 7 ऋषि और 7 जन्म की धारणा है जो कि वैज्ञानिक तौर पर सत्य है । जब आत्मा अपना शरीर छोड़ देती है तो शरीर 5 महाभूतों मे मिल जाता है । लेकिन आत्मा के साथ वही चित 7 जन्म तक रहता है । चित मे आपके मोह माया और आपके कर्म संचित रहते है । अगर मनुष्य की म्रत्यु मोह के वशीभूत होकर होती है तो आपकी आत्मा जहा पर भी जन्म लेती है और जिस रूप मे भी जन्म लेती है तो उस आत्मा के साथ चित का मोह आपके चित के साथ जुड़ा रहता है । जिसके कारण पुनर्जन्म लेने के बाद भी आपके व्यान प्राण के द्वारा उस चित के साथ धुलोक के माध्यम से संपर्क हो जाता है । तथा आपके पूर्वज 7 जन्म तक आपके संपर्क मे रह सकते है । 7 जन्म के बाद … [ Read More ]
प्रत्येक मनुष्य झूठ क्यों बोलता है ?
बड़ा विचित्र सवाल है कि हम रोज़ना झूठ बोलते है लेकिन हम यह नही जानते है कि हम झूठ क्यों बोलते है और किसलिए बोलते है । और जीवन में बिना झूठ के गुजारा भी नही होता है । हमारे शरीर में 5 ज्ञानेंद्रियाँ और 5 कर्मेन्द्रियाँ होती है । इनको मन संचालित करता है । मन प्रकृति का रूप है और चलायमान है । और जो संसाधन प्रकृति में मौजूद है उनको मन प्राप्त करना चाहता है । उन संसाधनों को प्राप्त करने के लिए मन अपने अधीन इन्द्रियो का प्रयोग करता है । शरीर में मौजूद 5 ज्ञानेंद्रियाँ को सच संचालित करता है और 5 कर्मेन्द्रियों को झूठ संचालित करता है । जब मनुष्य के मन में विकृति आती है तो 5 कर्मेन्द्रियाँ स्वतः क्रियाशील हो जाती है । जब ये 5 कर्मेन्द्रियाँ क्रियाशील हो जाती है तो मनुष्य झूठ के आगोश में आ जाता है । और … [ Read More ]
मनुष्य के भय और डर का मूल कारण क्या है ? मनुष्य डरता क्यो है ? क्या है वायो वैज्ञानिक रहश्य ?
भय शब्द एक बहुत छोटा शब्द है पर जब यह मनुष्य पर हावी होता है तो मनुष्य के एक एक अंग को हिला कर रख देता है । मनुष्य को -40 अंश तापमान पर पसीना आ जाता है । आखिर ऐसा क्यो होता है ? इसका वैज्ञानिक कारण क्या है ? भय का मुख्य कारण म्रत्यु होती है और म्रत्यु का मुख्य कारण शरीर का मर जाना होता है और शरीर के मर जाने से मन ,काम , क्रोध , मद , मोह और माया के मर जाने का डर ही मनुष्य को भय के साये मे ले जाता है । जब मन , काम , क्रोध , मद , मोह और माया पर हमला होता है तो शरीर अपने आप को सुरक्षित करने के लिए भय का संकल्प लेता है । जब भय का संकल्प लेता है तो शरीर मे नाग उप प्राण क्रियाशील हो जाता है तथा शरीर … [ Read More ]